पुलकित द्वारा निर्देशित 'मालिक' 11 जुलाई को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। इस गैंगस्टर ड्रामा में राजकुमार राव, प्रोसेनजीत, मानुषी छिल्लर, सौरभ शुक्ला और स्वानंद किरकिरे जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं। राजकुमार राव ने एक गैंगस्टर का किरदार निभाया है, जिसमें उनकी खतरनाक छवि दर्शकों को आकर्षित करती है। 'बोस: डेड/अलाइव' के बाद, यह फिल्म राजकुमार और पुलकित की दूसरी सहयोग है। आइए देखते हैं कि क्या 'मालिक' दर्शकों को प्रभावित कर पाती है।
कहानी का सार
यह फिल्म एक साधारण व्यक्ति की महत्वाकांक्षा और विश्वासघात की कहानी को दर्शाती है, जो आपराधिक गतिविधियों की गहराइयों में उतरता है। यह कहानी इस बात की पड़ताल करती है कि कैसे राजनीति, भ्रष्टाचार और वफ़ादारी आपराधिक दुनिया में एक साथ मिलकर काम करते हैं। 1980 के दशक के प्रयागराज में स्थापित, यह फिल्म राव के किरदार के संघर्षों को दर्शाती है, जो सत्ता और नियंत्रण की सीढ़ियाँ चढ़ता है। पहले भाग में उसके संघर्षों को दिखाया गया है, जबकि दूसरे भाग में उसके कार्यों के परिणाम सामने आते हैं। यह फिल्म एक भावनात्मक सफर है, जिसमें कई मोड़ और उतार-चढ़ाव हैं।
लेखन और निर्देशन
मालिक की कहानी ज्योत्सना नाथ और पुलकित ने लिखी है। उन्होंने एक ऐसी फिल्म बनाने का प्रयास किया है जो एक्शन, रोमांस, दोस्ती और विश्वासघात से भरी हो। हालांकि, दूसरे भाग को संक्षिप्त रखने में लेखक चूक गए हैं, जिससे फिल्म का प्रवाह प्रभावित होता है। इसके अलावा, प्रोसेनजीत चटर्जी का किरदार भी कमजोर लिखा गया है।
अभिनय की समीक्षा
राजकुमार राव ने अपने किरदार में पूरी तरह से डूबकर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उनकी आवाज़ और बॉडी लैंग्वेज एक्शन दृश्यों में प्रभावशाली हैं। मानुषी छिल्लर ने भी कुछ महत्वपूर्ण दृश्यों में अपनी छाप छोड़ी है। प्रोसेनजीत चटर्जी और अन्य सहायक कलाकारों ने भी अच्छा काम किया है।
फिल्म का निष्कर्ष
'मालिक' की कहानी, दमदार अभिनय और यथार्थवादी दुनिया-निर्माण इसे एक अलग पहचान देती है। यह गैंगस्टर शैली की कोई क्रांतिकारी फिल्म नहीं है, लेकिन गंभीर आपराधिक ड्रामा के प्रशंसक इसे देखने लायक पाएंगे। राजकुमार राव और पुलकित की इस फिल्म को 5 में से 3 स्टार दिए जा सकते हैं।